आज आयुर्वेद के नियम देखेगे आयुर्वेदिक नुस्खो से आप घर मे हि सहजता से औषधी दवाईया बनाई जा सकती है.
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नमस्कार दोस्तो
आपके समज (उलझन) मे नही आ रहा तो किसी जानकार अथवा वैध से परामर्श कर लेना उचित होंगा फिर आप उस प्रकार कि उलझन वाली स्थिती से बच सकते है.
1) औषधी सेवन के साथ प्रयुक्त आहार का पालन करना चाहिये पथ्य का ध्यान दिया तो रोगी को बहुत ही जल्दी ठिक कर सकतेे है.
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2) सबसे पहले कोई भी नुस्खा कुछ दिन सेवन करके देखो यदि रोगी को लाभ औषधी का असर हो रहा है तो आगे चलाइये या कुछ दिन रूककर पद्धतिमे बदलाव करे.
3) आयुर्वेद नुस्खो से लाभ दायक (सकारात्मक) संकेत मिलने लगे तो उसे पुर्ण स्वास्थ्य लाभ होने तक इस्तेमाल करते रहै रोगी को पुर्ण आराम मिल जाने के बाद औषधी एकदम से कदापीही बंद ना करे उसकी मात्रा कम-कम (धिरे-धिरे) करते हुए एक दो हप्ते बाद बंद कर सकते हो.
4) खासतौर से ध्यान रखिये रोगी को कौनसी बिमारी का असर है,इसका अच्छेसे अध्ययन करके वही चिकित्सा, नुस्खा आरंभ करे रोग किस प्रकृती का है इन बातो को भी ध्यान मे रखनी चाहीये एक साथ कई-कई नुस्खो को न अजमाएँ,बिना पर्याप्त जानकारी के कोई भी अनुचित कदम न उठाये.
5) सबसे महत्त्व पुर्ण बात तो यह है बाजार में मिलने वाली विभिन्न जडी-बुटि और औषधी कि शुद्धीकरण अच्छे तरह से मालुमात जाँच-परख कर लेनी चाहिये ध्यान रखे अशुद्ध मिलावटी जड़ी बुटिया फायदे कि बजाय नुकसान देह साबित हो सकती है ..
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आगे हम आयुर्वेद और हमारे दिनचर्या के बारे में बात करेंगे .
धन्यवाद दोस्तों। ..
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धन्यवाद दोस्तो आपके सुझाव के लिये....धन्यवाद